‘तनहा रास्तें’
उन रास्तों पे एक
बार चल के देखो
तुम्हे अपने होने पे
यकीन हो जायेगा
उन
रास्तों को एक बार चुनके देखो
चडेगा जो जूनून उससे तुम्हे
प्यार हो जायेगा
उन
रास्तों पे एक बार कदम बढ़ाके देखो
अपने
मकसत से वास्ता क्या
उन
रास्तों को एक बार आजमा के देखो
इस दुनिया की दुश्वारी
और कढ़वी
हकीकत से तुम्हारा सामना हो जायेगा
उन रास्तों पे एक बार जाके देखो
गिर
कर खड़े होने का तुम्हारा हौसला बुलंद हो जायेगा
उन रास्तों
को एक बार मुकम्मल करके देखो
बेशख सब भूल जाओगे पर वो सफ़र याद रह जायेगा
अरे कभी
तो उन सुनसान रास्तों पे चलने का तजुर्बा करो
जो यहाँ
से गुज़र चुके तुम्हे उनका एहसास ही हो जायेगा
बेशख नहीं
मिले तुम्हे अपनी मंजिल
पर कभी चले थे इन रास्तों पर तुम भी
दुनियावाले क्या तुम्हे खुद
पे गर्व हो जायेगा
-अवनीश
गुप्ता
one more masterpiece by randynamic avanish...well written.
ReplyDeletehaha thanx a lot ani...
Deletesometimes you know its good ki manzil nahin milli, for agar mil jaati fir kya karte :) moreover its not what the manzil is its HOW you get there which is more important
ReplyDeleteBikram's
i agree with you as this is what one of my images say "Life is a journey not a destination"
Deletenice ...
ReplyDeleteoye teri hindi itni achchhi h....gud man!!!
Beautiful lines...keep writing. . .
ReplyDeletethanks a lot...
ReplyDeleteits beautiful
ReplyDeletedo read my hindi poems too and would love to have your comments
regards
rajni
Keep walking.. !!..Indeed a thoughtful writing..
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